Hindi Quote in Poem by Pranjal Saxena

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मैं कैसे करवा चौथ मनाऊँ
मेरा पति तो ग्रुप एडमिन है,

व्हाट्सएप्प पर रात दिन है।
फेसबुक पर भी ऊँगली चलावै,
भले ही घर में राशन न लावै।
उसने मेरी कर दी है दुर्गत,
बात करने की न है फुर्सत ।
कैसे इन्हें जिम्मेदार बनाऊँ,
मैं कैसे करवा चौथ मनाऊँ।

सुबह उठते ही पकड़ें फोन,
पढ़ें मैसेज रहकर मौन।
फटाफट-फटाफट करते टाइप,
फेसबुक, लाइन या हो स्काइप।
बिना कुल्ला और बिना मंजन,
दो घण्टे करते मोबाईल वन्दन।

कैसे इनकी ये आदत छुड़ाऊँ,
मैं कैसे करवा चौथ मनाऊँ।

इन्हें आदमी कहूँ या कहूँ पायजामा,
दिन भर व्हाट्सएप्प पर कारनामा।
न खाने की चिंता न बीवी की फ़िक्र,
सुबह शाम बस ग्रुपबाजी का जिक्र।
इससे अच्छा तो मिलता दारूबाज,
पल्ले पड़ा हे नेट का कलाबाज।

किस दीवार में सिर फोड़ आऊँ,
मैं कैसे करवा चौथ मनाऊँ।

जिस दिन से हुई है मेरी शादी,
झेल रही हूँ ये नेट का आदी।
रोज आती हूँ सामने श्रृंगार करके,
पर एक बार भी न देखे नजर भरके।
देखेगा तब जब छोड़ेगा मोबाइल,
किसे दिखाऊँ ये नखरे ये स्माइल।

हे प्रभु क्या करूँ मैं कहाँ जाऊँ,
मैं कैसे करवा चौथ मनाऊँ।

सुबह से सोफ़ा तोड़ रहे हैं सड़ियल,
दो हफ्ते से बने फिर रहे हैं दढ़ियल।
सूरज देखो सर पर चढ़ आया है,
पर न ये धोया न ही नहाया है।
अरे पतिदेव बाद में चला लेना नेट,
धो लो मुँह साफ़ कर लो पेट।

इस नेटकीट को कैसे समझाऊँ,
मैं कैसे करवा चौथ मनाऊँ।

कल करवा चौथ के बारे में बताया,
बाजार से कुछ सामान मँगवाया।
न ये चूड़ी लाया न बिन्दी लाया,
3 जीबी का रिचार्ज करा आया।
एडमिन से तो बियाह करे वोए,
स्वयं भी जो एडमिन ही होए।

क्या मैं भी एडमिन बन जाऊँ,
मैं कैसे करवा चौथ मनाऊँ।

करवा चौथ पति की आयु बढ़ाए,
पर कौन-सा व्रत मोबाइल छुड़वाए।
उठो पतिदेव चाँद निकल आया,
व्रत तोड़ने का समय है आया।
दो मिनट का समय दे दो दान,
पेट में चूहे मचा रहे घमासान।

मैं कैसे इन्हें छत पर ले जाऊँ,
मैं कैसे करवा चौथ मनाऊँ,
मैं कैसे करवा चौथ मनाऊँ।

https://www.pranjalsaxena.com/2015/10/blog-post.html

Hindi Poem by Pranjal Saxena : 111603646
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