अंजाना मेहमान
कोई अपना हो या अनजान
मैं देखता हूं सब को एक समान
नहीं मैं करता अपने पराए में कोई भेद
ना ही हैं मुझे किसी से मिलने बिछड़ने का खेद
मुझसे मिलने वाला हर शख्स मेरा मेहमान है
बात आ गई तो उसपर जीवन कुर्बान है
कभी कभी अनजान ऐसा काम कर जाता है
पता भी नहीं चलता हमारा मेहमान बन जाता है।
vp army ⚔️🇮🇳
-Vp Army. ️️️️️️