क्या लिखूं उसके बारे में,
जो लिखू कम होंगा उसके बारेमे।
मिता दी पूरी जिंदगी उसने,
मेरी जिंदगी सँवारने में,
खुद सो के गीले में, मुझे सुलाती सूखे में,
खुद रहेके भूखी, मुजे खिलाती पेट भरके,
क्या लिखूं उसके बारे में,
जो लिखू कम होंगा उसके बारे में।
ना आने देती कभी भी मुख पर दुःख की लकीरें,
हसती रहेती सदा अपने सब दुःख भुलाकर,
क्या लिखूं उसके बारे में,
जो लिखू कम होगा उसके बारे में।
-Rajeshwari Deladia