लौट आया कर ऐ दिल गुमराह राहों से ,
सिर्फ चलने से मंजिलें नहीं मिला करती ,
पल भर में बदल जातें हैं लोग यहां अब ,
वफ़ा के बदले में वफ़ा नहीं मिला करती ,
हर कदम में चालाकियों के चेहरे रहते हैं ,
बातों से तसल्ली अब नहीं मिला करती ,
लोग मतलबी होकर मतलब निकालते हैं ,
हर किसी से उम्मीदें भी नहीं मिला करती ,
रंग बिखरें पड़े हैं रिश्तों के आसमान पर ,
निभाने की कोई सजा नहीं मिला करती ,
झूठे वादों के सहारे बना तो लेते हैं रिश्ता ,
खैरात बांटने बस से तो नहीं मिला करती ,
अक्सर लोग फरियाद करते हैं जाने पर ,
जिंदा रहते हैं तो यादें नही मिला करती ,
ज़िन्दगी जीने का हुनर अलग ढंग का हो ,
ज़िन्दगी खोने के बाद नही मिला करती ,