सुबह का हर पल ज़िंदगी दे आपको ,दिन का हर लम्हा ख़ुशी दे आपको ,जहां गम की हवा छु के भी न गुज़रे ,भगवान वो जन्नत की ज़मी दे आपको ..
गुड मॉर्निंग.सुप्रभात
ऐ सुबह तुम जब भी आना, मुस्कराहट और खुशियां लाना
चाहतों का आना, लेकर तराना, मुस्कुराहट और खुशियों को हर दिन सजाना, सब खुशियों को सबके घर पर बुलाना.....ऐ सुबह तुम जब भी आना, खुशियों का उपहार देकर जाना.......
ऐ सुबह तुम जब भी आना है,ऐ सुबह तुम जब भीआना....
सब के लिए ढेरों "खुशियाँ" लाना.
हर चेहरे पर "हंसी" सजाना, ऐ सुबह तुम जब भी आना...
हर आँगन मैं “फूल " खिलाना. प्यार की खुशबू इत्र की तरह फैलाना.... ऐ सुबह तुम जब भी आना
जो "रोये" हैं इन्हें हँसाना. उनके सभी तुम गम भुलाना, ऐ सुबह तुम जब भी आना....
जो "रूठे " हैं इन्हें मनाना,जो “बिछड़े" हैं तुम इन्हें
मिलाना.जो रिश्तो में पड़ी दरार हो उन दरारों को मिटाना
प्यारी "सुबह " तुम जब भी आना, खुशियों की झोली भर कर जाना, ऐ सुबह तुम जब भी आना, नेक कार्य कोई करके जाना, ,ऐ सुबह तुम जब भी आना
सब के लिए बस"खुशिया "ही लाना. पैगाम मोहब्बत का और नेकी सजाना.ऐ सुबह तुम जब भी आना. ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़