My Meaningful Poem..!!!
यारों जो अपना हिस्सा भी
औरों में अक्सर बांट देता है
एक ऐसे अनजान शख़्स के
हिस्से में ख़ुशी से आ गए हम..
दर्द-ए-दिल के वास्ते हमने
ओर एक नई वजह तलाश
कर बिलावजह ढूँढ कर गले
लगा कर अपना लिए हैं हम..
दहलीज़ बाबुल के दर की
छोड़ एक नई दहलीज़ को
अपना जान अपना मान के
दिल से अपना लिए हैं हम..
गँवारा गाँव की गली को कर
शहर की लुभावनी गलियोंको
अलविदा कर गाँव की मासुम
गलियों को अपना लिए हैं हम..
हर डगर हर पनघट हर मोड़
बाबुल दर का छोड़ नए रोड
नए चौराहे नई राहो को ही
अपना मान अपना लिए हम..
प्रभुजी की बनाईं रस्मों को
दिल से अदा करने के लिए
हर पुरानी रस्मों-रिवाजों को
पीछे छोड़ के चले आए हैं हम..
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