प्रेम शब्द पर्याप्त नही है मेरी भावनाओ को परिभाषित करने के लिए जो मेरी तुम्हारे लिए है, मुझे इसके लिए निश्चित ही एक नय शब्द का सृजन करना होगा,
क्योंकि
शरीर के लिए सांसों की आवश्यकता मात्र प्रेम से परिभाषित करना सम्भव नही.....
-तुम्हरा सिर्फ तुम्हरा ऋषभ