चलो बीना वजह आज फिर थोड़ा मुस्कुरा लेते है,
कुछ पुराने पन्नो पर लगी धुल एकबार और हटा देते है।
हक है हमे उन लम्हों को फिर से जीने का,
जो आज भी कहीं यादो के समंदर मै मोतियो की तरह संजोए पाये जाते है।
ना कोई छल-कपट, ना फ़र्जी दुनियादारी,
वे आज भी अपनी मासूमियत के बल पर ही इन आंखों को भिगोये जाते है।
चलो बीना वजह आज फिर थोड़ा मुस्कुरा लेते है,
कुछ पुराने पन्नो पर लगी धुल एकबार और हटा देते है।
-Denish Jani