My Meaningful Poem..!!!
सब को प्यार से सैराब-ए-वफ़ा करना
ओर बेवजह ख़ुद ही को प्यासा रखना
बेशक मुझ को तो बेवजह ही ले डूबेगा
ऐ दिल तेरा एसे ही दरिया दिल होना
दौलत-ए-सब्र की अदा बनाए रखना
आसान तो यारों हरगिज़ हरगिज़ नही
पर हालात-ए-कश्मकश में भी यूँ ही
अपना ज़हनीं हौसला भी बनाएँ रखना
वक़्त की दहलीज़ पर बस जमें ही रहना
दाद-ना-फ़रियाद तो पसंद प्रभु को भी
बेशक मुझ को तो बेवजह ही ले डूबेगा
ऐ दिल तेरा एसे ही दरिया दिल होना
हस्ती-ए-कश्ती को पार तो सभी को हैं
करना पर साहिलों में निशान👣छोड़ना
दुशवारीयों से जूझना अच्छाईयों को ही
गले लगा कर राहों को ही पीछे छोड़ना
बेशक मुझ को तो बेवजह ही ले डूबेगा
ऐ दिल तेरा एसे ही दरिया दिल होना
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