जो बात है तुमसे कहनी, लफ्जों में बयां न होगी
मेरे दिल की गहराई मे उतरो, जहां सुर्ख दीवारें होंगी
जरा छुना लहू के कतरे को, तासीर तुम्हारी होगी
वहां रंग मेरे अपने होंगे, तस्वीर तुम्हारी होगी
जो बात है तुमसे कहनी,लफ्जों मे बयां ना होगी
मेरी सुबह तुम्ही से होती है, हर रात तुम्ही से होगी...