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#Navratri
#Garba
#Bhakti
#Dandiya

कर जोड़ ,शीश झुका,
कर शक्ति का संचार तु,
मेरी मां,है ऊर्जा का स्रोत।

कर कर विनाश,कर कर विनाश,
कर असुरावृति का विनाश तु
बस,अपने अहम से जीत जा।

भक्ति में लीन, मस्ती में झूम ,
शुंगार में भी सादगी सा सुकून,
गरबा की ताल पर तू घुम ।

आया है पर्व नवरात्रि का,
आया त्योहार है मेरी मां का,
भरती है जोली हम सब की यहां।

जिसने मांगा सच्चे मन से,
पूरी होती मुरादें सबकी यहां
जिसने दिल से बस इतना कहा,
जय अम्बे, जगदंबे मां ।

महेक परवानी

Hindi Poem by Mahek Parwani : 111596133

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