My Meaningful Poem...!!!
ज़रा ज़रा सी बात पर,
रिश्तों को यूँ मत तोड़...
सात अरब की भीड़ में,
सात लोग को तो जोड़...
फ़ानी जीदगीं तो छोड़
कर चल देगी एक दीन..
हो सके तो सही कदमों
के निशान यहाँ तूं छोड़..
यहाँका धरा यही रह जाना
वहाँ तो बस कर्म ही जाना..
फ़िर कयूँ न तूँ करनीं से ही
हर पल हर साँस को तोल..
धन महल यश-कीर्ति आन
बान शान से सफ़र न मरोड़..
तूँ ग़ाफ़िल हो सकता है पर
प्रभुजी कभी नही,मन टटोल..
ताकि रब भी पुकार उठे आ
जा मेरे बंदे उस आख़री मोड़ ..
जीते जी कर कुछ एसे कर्म
मरने पे लोग कहें बंदा था अनमोल...
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