कभी यूँ ही बैठ लिया करो
मेरे लिए रिक्शे में बैठना एक कठिन निर्णय होता रहा है, रिक्शे की सवारी के समय मेरा ध्यान हमेशा उसकी पैरों की पिंडलियों पर रहता था , कि कितनी मेहनत से खींचता है रिक्शा , सड़क पर कोई भी मोटरसाइकिल वाला या कार वाला उसको ऐसे हिकारत की निगाह से देखता है जैसे कोई जुर्म कर दिया हो, मैनें नोटिस किया अक्सर कारों वालों के अहम के सामने रिक्शेवाले भाई को अपने रिक्शे में ब्रेक लगाने पड़ते थे , गलती किसी की हो थप्पड़ हमेशा रिक्शेवाले के गाल पर ही पड़ता था। पुलिसवाले के गुस्से का सबसे पहला शिकार ये बेचारा रिक्शेवाला ही होता है। बेचारा 2 आंसू टपकाता, अपने गमछे से आँसू पोंछता फिर से पैडल पर जोर मार के चल पड़ता।
यार ये दौलत कमाने नहीं निकले , सिर्फ 2 वक़्त की रोटी मिल जाये, बच्चे को भूखा न सोना पड़े बस इसीलिए पूरी जान लगा देते हैं
कभी इनसे मोल भाव मत करना दे देना कुछ एक्स्ट्रा , ईश्वर भी फिर प्लान करेगा आपको कुछ एक्स्ट्रा देने का
कभी कभी यूँही सवारी कर लेना रिक्शे की मदद हो जाएगी, भीख देकर उनका अपमान मत करना ,
गरीब हैं भिखारी नहीं
बस कभी कभी यूँ ही सवारी कर लेना
#Love #Respect