शुभरात्री...
आज हम साथ हैं,कल न जाने किधर जाएंगे,
यह जिदगी हैं देखत-देखते बछड़ जाएंगे,
कल शायद एक दूजे के मिलना भी नसीब में न हो,
यह लम्हे भी पल दो पल में गुजर जाएँगे.
वैसे तो जिंदगी में अपनों की कोई कमी नही...
कल किससे खबर,कुछ अजनबी रिश्तों में हम ढल जाएंगे...
-Shailesh Suresh jani