कभी कभी घबराहट सी होती है दिल में,
और जुबां ख़ामोश हो जाती है..
चाहती तो हूं एक गहरी सांस लेने को..
पर एक एक सांस जो बामुश्किल से ली जाती है..
और फिर मैं निढाल सी ज़मी पर बैठ जाती हूं..
नहीं मुझे तकलीफ़ नहीं है सांस लेने में..
पर कभी कभी तुम इतना याद आते हो,
की एक पल भी सांस लेना मुश्किल सा लगता है..