कविता कविता में हुई अनबन,
कैसीे मैं लिखुं कविता ?
सोच सोच के कविता घबराई,
सोचा खुद पे लिखुं कविता ?
कवि की कल्पना से लिखुं ?
या कामर्शियल तरीके से लिखुं ?
ह्रदय से निकलती हैं कविता,
कवि की कलम से हैं कविता,
शुकुन देती है कविता,
दिल में बसती है कविता,
थीम पर कैसे लिखुं कविता ?
कामर्शियल बन जाती हैं कविता,
ऐसी ना चाहिए कविता !
दिल से लिखुं कविता,
सब को भा जाए कविता,
वाह वाह करके लोग बोलें,
कैसी बनती है कविता ?
मुस्कान करती है कविता,
कविता की कविता से,
अब अच्छी बनती है कविता।
-Kaushik Dave