#ज्योतिष
ज्योत्षी क्या करेगा कल्याण !
जब इरादे ही हो कमजोर।
आसमान के सितारें क्या देखे !
जब कर्मो के कलम की हो ताकत।
मंजिलें ढूंढे कहां किताबों में!
जब डर गया मुश्किलों में।
ग्रहदोष क्या बतलाए!
जब महेन्नत से घबराएं।
वहम कि दीवार क्या देखे!
जब हाथ में तेरे हौसलों की छैनी।
Mahek Parwani