दरिंदगी की हद हैवानों ने फिर पार की है,
जल्लाद होने की अपनी पहचान दी है।
मां का हाथ बंटाती बेटी पर
जबरन अत्याचार किया।
रौदा मसला मर्यादा को उसके,
इज्जत तार - तार किया ,
फिर भी नहीं भरा जी तो.......
काटी जिह्वा , तोड़ी हड्डी....
जीवन से मरहूम किया ।
कीमत उसके जीवन और इज्जत की
खूब लगी इस दुनिया में,
पच्चीस लाख और नौकरी
बस इतनी ही कीमत है
इस दुनिया में बेटी की।
अरे!!!! देनी है सजा तो ऐसी दो ,
उनकी भी मां और बेटी की इज्जत की
बस इतनी ही कीमत हो।