हाल-ए-दिल बताऊं ही क्यों
तुझे मैं सताऊं ही क्यों
रुठा है तो रुठा ही रहें
तुझे मैं मनाऊं ही क्यों
माना गलती तेरी नहीं
पर गलत हम भी नहीं
तुझे खोता देख...
सारी रात हम सोएं भी नहीं
पर ये सब तुझे मैं समझाऊं ही क्यों
हर बार अब मैं ही मनाऊं क्यों
-sunhaRIYA