जिंदगी तो यूँ ही चलती रहती हे
मगर कुछ और ही हो जाए तो
क्या बात है...
नहीं भरने हमें कई तरह के रंग
मगर कोई मेघधनुष बना जाए तो
क्या बात है...
नहीं सीखने हमें सातो सूर
मगर कोई जिंदगी सुरीली बना जाए तो
क्या बात है...
हारकर तो हरकोइ बेठता है
लेकिन कोई फिर से कोशिश करना सीख ले तो
क्या बात है...
जिंदगी तो हरकोइ जीता है
मगर कोई खुल के ज़ी जाए तो
क्या बात है...
-Parmar Jagruti