My Meaningful Poem..!!
यूँ आओ मुकद्दर में..
आप, कि पाकर तुम्हें..
उम्र बाकी की सारी
खुदा के शुक्र में गुजरे..
यूँ आओ ख़्वाबों में भी
आप, कि देख कर तुम्हें..
रात बाक़ी की सारी
शब-बेदख़ल में गूजरें..
यूँ आओ ज़िंदगी में भी
आप, कि पा कर तुम्हें..
उम्र सारी की सारी
शूकर-गूजारी में गूजरें..
यूँ आओ याद हर लम्हे
आप,कि याद कर तुम्हें..
लम्हों के सिलसिले कभी
आपके बिना ख़ाली न गूजरें...
प्रभुजी आप ही से वाबसता
हैं ज़िंदगी की हर साँस मेरी..
यूँ हो जाओ साँसों की लड़ी में
शामिल कि,हर साँस आपके नाम गूजरें
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