मेरी ज़िंदगी, मेरी तमन्ना, मेरी दोस्त है वो।
चाहे कुछ भी हो जाए, हर समय,हर स्थिति, हर वक़्त मेरे संग है वो।
इस काँटों भरी ज़िंदगी के मध्य महकता गुलाब का फूल है वो।
भूख लगी भी हो फिर भी जो मेरे बिना खाना ना खाए।
डाँटने पर रूठ जाए, फिर अगले ही पल मेरे पास आ जाए।
उसकी खट्टी-मीठी हरकतों से ही घर में रहती है रौनक छाए।
मेरी ज़िंदगी, मेरी तमन्ना, मेरा प्यार है वो,
सिर्फ बहन ही नहीं, मेरे होठों की मुस्कान है वो।