"नारी का शक्ति स्वरुप"
दिन की शुरूआत हौती हैं सुबह को,
लेकिन, सुबह की शुरूआत में जान भरती हैं वो...
खुशी के पल को बनाती हैं दुगना वो...
दुख में रहेती हैं साथ वो...
सुनहरे सपने दिखाकर जोस भरती हैं वो...
हर मुकान पे साथ देकर रिश्ता निभाती हैं वो...
जिसके हाथ से बना खाना प्यार के स्वाद से
बना है वो...
बचपन में नई-नई कहानी सुनाती हैं वो...
राजा के साथ रानी बनकर साथ निभाती हैं वो...
भाई का रिश्ता उसके बिना अधूरा हैं वो...
पापा के आंगन की रोशनी हैं वो...
वो हैं महिला की ताक़त।
🙏 नारी शक्ति को प्रणाम 🙏
✍️BM