# आज की प्रतियोगिता "
# विषय .दृश्य "
# कविता *
बेटी की विदाई का दृश्य ,बहुत करण होता ही ।
इसे देख कर ,सबका दिल भर आता ही ।।
दिल के कलेजे को ,विदा करने का मन होता नहीं ।
माता पिता विदाई ,करते बहुत आंसू बहाते ही ।।
यह दृश्य देख ,सबका दिल मुँह को आता ही ।
बेटी इसलिए ही ,पराई कहलाती ।।
गाय और बेटी ,जहाँ भेजो वहाँ चली जाती ।
बेटी तो सबकी ,दिल की दुलारी होती ।।
बेटी तो धर आंगन की ,फूलवारी होती ।
बेटी धर आंगन ,सूना कर चली जाती ।।
उसकी याद मिटाये ,भी नहीं मिटती ।
बेटी की विदाई ,बहुत कष्टकारी होती ।।
बेटी पराये धर ,जाकर माँ बाप को कभी नही भुलती ।
बिन बुलाये एक आवाज ,मैं दौडी चली आती ।।
बेटी बिना माँ बाप ,की आँखें तरस जाती ।
उसकी याद बरसों ,तक भी भुलाई नही जाती ।।
-Brijmohan Rana