#कविता *
# विषय .माँ "
सृष्टि का आधार ,तू ही है माँ ।
ईश्वर की साकार ,तू प्रतिमा है माँ ।।
प्रेम का मीठा झरना ,तू ही है माँ ।
हर सुख का कारण ,तू ही है माँ ।।
स्नेह का दरिया ,तू ही है माँ ।
ममता की सुहानी ,छांव तू ही है माँ ।।
शब्द नही ,पुरी कविता तू ही है माँ ।
सौ शिक्षक के समान ,
तू ही है माँ ।।
प्यार का सुहाना ,झुला तू है माँ ।
प्रेम की परिभाषा ,तू ही है माँ ।।
तुझ बिन यह ,संसार अधुरा है माँ ।
बच्चे की पुकार ,तू ही है माँ ।।
-Brijmohan Rana