# आज की प्रतियोगिता "
# विषय .अस्थायी "
# कविता *
कर ले प्यार जीवन में ,
जिदंगी तो बस चार दिन की ।
अस्थायी यह संसार ,
यहाँ भरोसा पल भर का नहीं ।।
क्या लेकर आया जग में ,
क्या लेकर तू जायेगा ।
खाली हाथ तू आया जग में ,हाथ पसारे जायेगा ही ।।
मानव सेवा अनमोल जग में ,
करके जीवन सफल कर लें ।
मानव देह नही फिर मिलेगी ,
जीवन अपना सफल कर लें ।
ऐसा क म कर ले जग में ,
तुझें हमेशा याद करें ।।
तू रहे या न रहे जग में ,
तेरा यश अमर रहें ।
स्वार्थ के सब नाते रिश्तें ,
परोपकार कर जीवन सफल कर लें ।।
-Brijmohan Rana