तुम्हारी आंखों में आंखे डाल कर यूं बैठने को जी चाहता है,
यार तुमसे मुलाकात करने को जी चाहता है।
रातभर यू तुम और में बाते करते रहे,
जो किसीको ना कहा वो एक दूसरे को कहे।
तुम्हरे सारे दर्द में लेलू,
तुम्हारी सारी तकलीफे में जेलू।
हाथ में हाथ हो और फिर प्यारा सा आलिंगन,
सब कुछ भुलाकर एकदुसरे में को जाए मन।
भावेश एस रावल