Hindi Quote in Good Evening by ब्रह्मदत्त उर्फटीटू त्यागी चमरी हापुड़

Good Evening quotes are very popular on BitesApp with millions of authors writing small inspirational quotes in Hindi daily and inspiring the readers, you can start writing today and fulfill your life of becoming the quotes writer or poem writer.

संध्या वंदन बृहस्पतिवार वीर वार गुरुवार भगवान विष्णु आपको संध्या प्रणाम नमन नमस्कार है ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़ एवं सभी भक्तों का यह है आज की संध्या आरती
आरती जगदीश हरे की
जय जगदीश हरे, प्रभु! जय जगदीश हरे।
भक्तजनों के संकट, छन में दूर करे॥ जय जगदीश हरे
जो ध्यावै फल पावै, दुःख बिनसै मनका।
सुख सम्पत्ति घर आवै, कष्ट मिटै तनका॥ जय जगदीश हरे
मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूँ किसकी।
तुम बिन और न दूजा, आस करूँ जिसकी॥ जय जगदीश हरे
तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतर्यामी।
पार ब्रह्म परमेश्वर, तुम सबके स्वामी॥ जय जगदीश हरे
तुम करुणा के सागर, तुम पालनकर्ता।
मैं मुरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥ जय जगदीश हरे
तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।
किस विधि मिलूँ दयामय, तुमको मैं कुमती॥ जय जगदीश हरे
दीनबन्धु, दुःखहर्ता तुम ठाकुर मेरे।
अपने हाथ उठाओ, द्वार पडा तेरे॥ जय जगदीश हरे
विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।
श्रद्धा-भक्ति बढाओ, संतन की सेवा॥ जय जगदीश हरे
जय जगदीश हरे, प्रभु! जय जगदीश हरे।
मायातीत, महेश्वर मन-वच-बुद्धि परे॥ जय जगदीश हरे
आदि, अनादि, अगोचर, अविचल, अविनाशी।
अतुल, अनन्त, अनामय, अमित, शक्ति-राशि॥ जय जगदीश हरे
अमल, अकल, अज, अक्षय, अव्यय, अविकारी।
सत-चित-सुखमय, सुन्दर शिव सत्ताधारी॥ जय जगदीश हरे
विधि-हरि-शंकर-गणपति-सूर्य-शक्तिरूपा।
विश्व चराचर तुम ही, तुम ही विश्वभूपा॥ जय जगदीश हरे
माता-पिता-पितामह-स्वामि-सुहृद्-भर्ता।
विश्वोत्पादक पालक रक्षक संहर्ता॥ जय जगदीश हरे
साक्षी, शरण, सखा, प्रिय प्रियतम, पूर्ण प्रभो।
केवल-काल कलानिधि, कालातीत, विभो॥ जय जगदीश हरे
राम-कृष्ण करुणामय, प्रेमामृत-सागर।
मन-मोहन मुरलीधर नित-नव नटनागर॥ जय जगदीश
सब विधि-हीन, मलिन-मति, हम अति पातकि-जन।
प्रभुपद-विमुख अभागी, कलि-कलुषित तन मन॥ जय जगदीश हरे
आश्रय-दान दयार्णव! हम सबको दीजै।
पाप-ताप हर हरि! सब, निज-जन कर लीजै॥ जय जगदीश हरे..
आरती के अंत में भगवान विष्णु श्री सत्यनारायण जी आपको बारंबार प्रणाम नमन नमस्कार है ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़ एवं सभी भक्तों का

Hindi Good Evening by ब्रह्मदत्त उर्फटीटू त्यागी चमरी हापुड़ : 111566187
New bites

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now