उठा के कलम मैं लिख दूँ अगर
तो आँसू छुपाते ही रह जाओगे
बता दूँ अगर की क्या क्या हुआ था
तो तड़प के धरा पे बिखर जाओगे
गिर जाओगे सब की नजरों में फिर तुम,
न नजर को नजर से मिला पाओगे
और घुट जाओगे तुम अकेले अकेले
अलग सबसे होकर, फिर कहाँ जाओगे?
लौटोगे जब तक देर हो जाएगी तब तक
फिर वापस न मुझसे तुम मिल पाओगे
अगर मिलना भी चाहो,अकेले न आना,
दूर बहुत हूं ,तुम रास्ता भटक जाओगे