मेरे घर का सीधा सा इतना पता है
मेरे घर के आगे मुहब्बत लिखा है
न दस्तक ज़रूरी, न आवाज़ देना
मैं सांसों की रफ़्तार से जान लूंगी
हवाओं की खुशबू से पहचान लूंगी
तेरा फूल हूँ दोस्त
तेरी भूल हूँ दोस्त
तेरे हाथों में चेहरा छुपा के जीना है जीना
जीना ज़िंदगी, ज़िंदगी
ओ ज़िंदगी मेरे घर आना
आना ज़िंदगी - ज़िंदगी मेरे घर आना