#विश्वसनीय
विश्वसनीय बनना सबके बस की बात नही ,
यह तो वह हीरा है ।
जो बाजार में नही बिकता साहब ,
अपने कर्मों से कमाया जाता है ।
जिसने पहन लिया,
वह भीड़ में भी चमकता है ,
रोशनी इस जहाँ में इसी हीरे से है ,
वरना जमीर क्या इंसान भी यहाँ
कौड़ियों के दाम बिकता है।