My Meaningful Poem...!!!
यारों सितम हमारे ज़रा छाँट लिया करो
नाराज़गी से तो अच्छा है, डॉंट लिया करो
ग़मों से जी भर जाएँ तो बाँट लिया करो
रिश्तोंकी गहराई भी कभी नाप लिया करो
ग़ैरों मैं अपने ओर अपनों में ग़ैरोंका ख़्याल
छोड़ इन्सानी वजूद को ही मान दिया करो
फ़िक्रमन्द मिट्टीके ढाँचेमें बिराजमान कोई
तो है बात यह छोटी-सी जान लिया करो
गिला सिक़वा ओरौ से करने से पहले ज़रा
ख़ुद ही खुदको दर्पण में जाँच लिया करो
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