#आज की प्रतियोगिता "
# विषय .विरासत "
# कविता ***
15 अगस्त हमें ,विरासत में मिला है ।
यह दिन जब जब आता ,बापु की याद दिलाता है ।।
श्रद्धा से उनके चरणों में ,मेरा शीश झुक जाता है ।
बापु की त्याग तपस्या से ही ,हम सब आज स्वतंत्र है ।।
उनसे हमने पाया ,अहिंसा का मूल मंत्र है ।
छुआछूत का जब ,अंधकार छट जायेगा ।।
जाति भाति का यह ,भेद जब मिट जायेगा ।
धर्म निरपेक्षता जब ,हमारे प्राणों में बस जायेगी ।।
भाईचारे की निर्मल ,गंगा हर दिल में बह जायेगी ।
मानवता का जब सवेरा ,हर दिल में हो जायेगा ।।
तब बापु का सपना ,साकार हो जायेगा ।
जब हर भारतीय अपने ,कर्तव्य का बोध कर पायेगा ।।
जब कोई भुखा नंगा ,इस देश में नहीं रह जायेगा ।
जब सब में देश प्रेम ,की ललक जग जायेगी ।।
तब भारत सही अर्थो में ,आजाद कहलायेगा ।
जब विश्वबंधुता की ,भावना हर दिल में जग जायेगी ।।
तब पन्द्रह अगस्त का ,सपना साकार हो जायेगा ।
जब तिरंगे का कोई ,अपमान नहीं कर पायेगा ।।
जब नारीयों की इज्जत ,सुरक्षित हो जायेगी ।
जब भाई भाई आपस में ,कभी नही लड़ पायेगें ।।
जब धर्म के नाम पर ,देश में दंगें रुक जायेगें ।
तभी हमारा देश सही ,अर्थ में आजाद कहलायेगा ।।
बृजमोहन रणा ,कश्यप ,कवि ,अमदाबाद ,गुजरात ।