मेरे हुजरे में नहीं और कही पर रख दो
आसमान लाये हो ले आओ ज़मीन पर रख दो
मैंने जिस ताक में कुछ टूटे दीए रखे हैं
चाँद तारों को भी ले जाके वही पर रख दो
अब कहाँ ढूंढने जाओगे हमारे कातिल
आप तो क़त्ल का इल्ज़ाम हमी पर रख दो
हो वो जमुना का किनारा ये कोई शर्त नहीं
मिटटी मिटटी ही में रखनी है कही पर रख दो
राहत इंदौरी