नजर मिली एक दुसरे से
खो गए एक दूजे में
खोकर एक दूजे में
हो गए एक दूजे के
इसमें नजर का क्या कसूर
नजर मिली तो जज्बात उठे
हिलोरे लेते प्रेम तरंगों में
बन गए अफसाने
छुप न सका प्यार हमारा
तो हमारे प्यार का क्या कसूर
इस प्यार का इजहार किया लवों ने
किये वादे ,कसमें खायी
न भूलूंगा ,न भूलने दूँगा
ये इकरार किया लवों ने
तो इसमें इन लवों का क्या कसूर
छा गये तुम दिलो -दिमाग पर
दिल की हर धड़कन पर नाम तेरा
कभी मद्धम ,तो कभी तेज
दिल में बजते संगीत सा प्यार तेरा
मेरा दिल तेरे नाम हो गया
तो इसमें इस दिल का क्या कसूर ।।।।।
-Sakhi