सुना हे की इश्क़, मे कई उल्फ़त~ए~राज़ हे, तो चलो, एक हसीना से इश्क़ करके देखते हे। कहते हे की, इश्क़, मतलब आग का समंदर, तो चलो, इस दमन्दर को भी सर करके देखते हे। इश्क़ को बयाँ कर सके वो अल्फाज़ अभी रब ने बनाया ही नही, तो चलो, एक बार उनसे निगाहें मिला कर देखते हे। हीरे~ज़वरात की हम किंमत क्या आंके, तो चलो, इश्क़ का एक गहना, हम भी पहन के देखते हे।
#गहना