*रिश्ते अंकुरित होते हैं "प्रेम" से!*
*जीवित रहते हैं"संवाद"से!*
*महसूस होते हैं "संवेदनाओं" से!*
*जिये जाते हैं "दिल" से!*
*मुरझा जाते हैं "गलतफहमियों" से!*
*और बिखर जाते हैं "अहंकार" से!*
*रिश्तों का संतुलन बना कर ही*
*सफल और सुखी जीवन जिया*
*जा सकता है।*
*प्रातः अभिनंदन के साथ*
*सुप्रभात* ❤️