हँसती थी जब भी जिंदगी
#खुशियों  के मेले में
फ़िक्र, परेशानी, और
उदासियों के
गुब्बारे उड़ा कर
तालियाँ बजाकर
कोई मन बच्चा हो जाना चाहता था !
....

- सीमा 'सदा'

Hindi Poem by Seema singhal sada : 111523921

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now