खुश
पहेले से ही खुश थे हम और,
पहले से ही खुश थे ना तुम,
फिर क्यों आए तुम?
फिर क्यों आए तुम?
मेरी जिंदगानी में,
मिट गई मेरी खुशी,
मिट गई तुम्हारी खुशी फिर कहते हो तुम !
गर पसंद है नहीं थे हम,
फिर क्यों वादा किया था ?
फिर क्यों वादा किया था ?
जब साथ निभाना ही नहीं था।
- जहान्वी ओझा
#ખુશ