# कविता **
# विषय .कैमरा **
कैमरा सच्ची तस्वीर ,सब को दिखाता है ।
वास्तविक बात को ,सबके सामने उजागर करता है ।।
उसकी करनी कथनी ,में जरा भी अंतर नहीं है ।
मानव की तरह ,दिखता कुछ और होता कुछ नहीं है ।।
कैमरा मन की ,बात सही रख देता है ।
जैसा रुप रंग हो ,वैसा ही दिखा देता है ।।
कोई छल कपट वो ,किसी से करता नहीं है ।
इसलिए कैमरा की तस्वीरें ,गवाही में सच्ची मानी जाती है ।।
मानव की तरह ,वह अपने रंग नहीं बदलता है ।
कैमरे के सामने ,आने से लोग इसलिए डरते है ।।
बृजमोहन रणा ,कश्यप ,कवि ,अमदाबाद ,गुजरात ।