#Get -Well soon by all Means..!!
My Meaningful Poem...!!!
ज़िदंगी की दौड में तजर्बा
हमारा कच्चा ही रह गया
हमने न सीखा कभी फरेब
दिल भी बच्चा ही रह गया
बचपन में जहाँ चाहा हँस
लेते जहाँ चाहा रो लेते थे
पर अब...!!!
मुस्कुराने को तमीज़ चाहिए
और आँसूओं को भी तन्हाई
हम भी तो मुस्कुराते थे कभी
बेपरवाह अपने ही अंदाज़ में
देखी है आज कुछ अपनी ही
पूरानी-सी बिन्दास-सी तस्वीरें
हँसने की क़िस्मत ओर क़ीमत
मायने रखतीं है पता लग गया
हल्की-सी मुस्कान भी क़ीमत
आज वसुलती है पता लग गया
करवट फिर भी दिल ना बदल
सका यही एक मसला रह गया।
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