जिंदगी के कर्ज हम कुछ यु उतार रहे हैं
दिखाकर मुस्कान अपने गम छुपा रहे हैं।
थक जाते हैं कभी जिम्मेदारियों को निभाते हुए पर
फिर अपनो के चेहरों पर मुस्कान देखकर उठ खड़े होते हैं।
आज भले थोड़ी मुश्किलें है पर कल राहते होगी
यही सोचकर फिर से एक नयी मंजिल की ओर चलते हैं।