इम्तिहान
जिंदगी मे वो मकाम आया है।
हर रिश्ते ने हमें आजमाया है।
कभी सब्र का कभी सहनशक्ती का
हर दिन इम्तिहान चल रहा
शायद चलेगा जबतक सांस चलेगी
सांस भी इम्तिहान ले की मानेगी
चलने दो आजमाईशों को
सांसों कों चलने दों चलने दो
क
क्या कभी खतम होगा ये इम्तिहान ?
या चलेगा यूँ ही जबतक है जान......
शुभ रात्रि।
शुभ आरडीएक्स।