मेरे प्यारे *"अमिताभ"* जैसे मित्रों...🙋🏻♂️ कोई भी *"रेखा"* लांघकर घर से बाहर न *"जया"* करो ... यही सत्य है... नही तो अपने स्वास्थ्य का *"ऐश्वर्य"* खो दोगे और अश्रुओं का *"अभिषेक"* शुरु हो सकता है फिर अपने *"आराध्य"* को स्मरण करना पड़ेगा.... कुछ दिन और *"प्रतीक्षा"* करो फिर जीवन मे *"जलसा"* अवश्य होगा 😃😆🤣