बाबा तुम लौट आओ ना
मुझे प्यार से बुलाओ ना
तुम्हारा उंगली पकड़ के चलना तो सीखा
आगे चलना तो सिखाओ ना
कहां गए क्यु गए कुछ तो आकर बताओ ना?
मां की बातों पर मजाक उड़ाओ ना"
बाबा तुम लौट आओ ना!
बड़े-बड़े सपने दिखाए तुम'
उस सपने को देखने
तुम भी तो आओ ना!
कितनी हसरत थी मन में'
मेरे विदाई को लेके"
उसे पूरा कौन करेगा?
अब कुछ तो कहने आओ ना!
कभी कंधे पर बिठाकर मेला दिखाते थे,
पैरों पर खड़ा होना सिखाते थे,
कभी ना भूल पाऊंगी सारी यादें,
आज कुछ कहना चाहती हु"
बाबा तुम सुनने तो आओ ना!
मेरी साहस मेरे रुतवा"
मेरा मान हो बाबा!
मुझ को प्रेरित करने वाले' मेरे अभिमान हो बाबा,
मेरे इस छोटी सी 'आसियान का,जान हो बाबा!!
हम सब तुमसे"
तुम अरमान हो बाबा!
फिर क्यों चले गऎ ,झटक कर हम सबको!
क्यों मौन हो बाबा?
बाबा तुम लौट आओ ना!
मुझे प्यार से बुलाओ ना!!