कभी...
कभी सोचा भी था एसे भी दिन आयेंगे जब पुरी दुनिया एक जैसा महसूस करेगी। एक जैसे नियमों के अधीन होना पड़ेगा। एक साथ सजा तो मीली लेकिन साथ में अपने परिवार को नजदीक से समझने का मौका मिला। आखिर ये सजा भी बढ़िया हो गई। आज पूरी दुनिया को कुछ ना कुछ नया सीखने को मिला। नई सोच मीली। नई तरह से जीने की राह मिली। एक तरह से सोचा जाए तो एक नया इतिहास रचा ने के लिए प्रेरित किया है कुदरत ने हमे। तो क्यों ना हम सब एक साथ मिलकर एक नया ठहराव की पहल करे।
~Shree