#सावधान रहेंना, तुं यहां,
असावध रहकर क्या पाया है?
तुं अंदर है तो जींदा है,
बहार खड़ा मोत का साया है;
फिर क्युं करे मनमानी?
तुम भी तो किसीका जाया है;
तुं जींदा तो वो भी जींदा है,
जीस परीवार पर तेरा छाया है;
मत करना ऐसी बेवकूफी,
फिर क्या होगा जो पछताया है?
#सावधान