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आज याद हूँ मैं ,
कल भूला बिसरा हो जाऊंगा।
आखिर तुमको चाहता हु
चाहत में एकदिन ख़तरा हो जाऊंगा।
न रोज मुझे तुम याद करोगी।
न रोज ही रोते मैं मिलूंगा
बेखबर बेहिसाब उड़ता फिरूँगा कहीं
और कहीं हस्ती खेलती तुम होगे।
जैसे मुझसा कोई और मिलेगा तुमको
फिर मैं बेक़दरा बेफिकरा हो जाऊंगा।
आज याद हु ,कल भूल बिसरा हो जाऊंगा