🍃🍃 बंया 🍃🍃
ये कैसी बेकरारी है,
वो बस एक चेहरा समझता है
मेरी आँखों में वो
हीरे सा चमकता है
मैं उसके दिल में रहता हूँ
वो मेरे दिल में रहता है
दिनों को चैन नहीं मुझको
ना रातो को नींद आती है
उसकी यादों की तड़पन मुझको
इतना क्यों सताती है
मैं उसकी याद में पिगलता हूँ
वो मेरी याद में जलता है
उसकी आँखों में रोता हूँ
उसके होठो पे हँसता हूँ
खबर उसको नहीं लेकिन
उसके सपनो में सोता हूँ
पर कैसे कहू उससे
उसे मैं कितना प्यार करता हूँ