#कोरोनिल_और_हम
रामदेव बाबा से वैचारिक विरोध तो चलता रहेगा या है । कोवीड-19 की औषधि कोरोनिल तैयार करने का दावा करने पर पर उन्हें हार्दिक बधाई !
(भगवान् करे यह दावा सही निकले)
लेकिन उसके साथ उनको कुछ सवालों जवाब देना का देना भी जरूरी है, सवाल पुछने से डरने वाली/ सवाल मत पुछो कहने गैंग तो कुछ भी कहती रहेगी ।
भारत मे आयुर्वेद, युनानी ऐसे सभी क्षेत्रों के
लिए आयुष मंत्रालय काम करता है, मिडिया रिपोर्ट्स अनुसार ना उसकी परमिशन ली गई और ना ही उसे कुछ बताया गया । आज तक पतंजलि ने कितने कोरोना मरिजो के उपर इसका प्रयोग किया इसकी कोई भी जानकारी सरकार के पास नही थी । शुरवात मे जब बाबा ने इसमे शामिल औषधियों के बारे मे बताया था तो और आयुर्वेद के तज्ञ इसे सिर्फ प्रतिकारक शक्ती बढ़ाने की औषधि कह रहे थे, फिर इन सब कि जांच-पड़ताल के बिना इसे आम लोगों मे परोसना कितना उचित है ? अब यह आप ही जाने !
भारत मे आयुर्वेद ने यह कारनामा करना बहोत ही गर्व की बात है । लेकिन उसकी सिर्फ़ मार्केटिंग कर अपना काम चला लेना यह भी हमे शर्मिंदा करने वाली बात है । आज नरेन्द्र मोदी के फ़ालोवर खुब उन्हे को कोस रहे है, रामदेव बाबा के इस औषधि के प्रचार-प्रसार पर रोक लगाने के लिए जो कल बाबा ने उसका बड़े-जोर शौर के साथ मीडिया के सामने प्रदर्शन किया था ।
जो लोग मोदी-मोदी कहते हुए थकते नही थे वह आज उन्हीं को सवालों के घेरों मे ले रहे है, कहीं-कहीं से हलके आवाज मे यह भावना प्रकट हो रही है के एलोपैथी समुह रोक रहा है, ऐसा हुआ तो यह फिर बहोत घातक है आयुर्वेद के लिए और साथ भारत के जनता के लिए ।
(आप सरकार भी बदल सकते है)
{विकल्प}